tag:blogger.com,1999:blog-1404778002552917730.post1137263285247114574..comments2023-06-03T14:30:56.067+05:30Comments on केरल पुराण: 12. कोल्लेत्ताट्टिल गुरुक्कल -2बालसुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायणhttp://www.blogger.com/profile/09013592588359905805noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-1404778002552917730.post-26779664886156523952009-05-24T08:35:43.144+05:302009-05-24T08:35:43.144+05:30सिद्धार्थ जी: अच्छा सुझाव है। केरल शस्त्र-विद्या क...सिद्धार्थ जी: अच्छा सुझाव है। केरल शस्त्र-विद्या के लिए मशहूर रहा है। कलरि-प्पयट्टु नाम की युद्ध-विद्या केरल की देन है। कलरी मने अखाड़ा और पयट्टु मने युद्ध। इसमें निहत्था लड़ाई की तकनीकें और तलवार-ढाल, भाले, उरुमी (यह बेल्ट-नुमा दुधारी हथियार है जिसे कमर-कस के रूप में पहना जाता है, और जरूरत पढ़ने पर इसे खोलकर चाबुक के समान इस्तेमाल किया जाता है। बहुत ही मारक हथियार है), लाठी आदि से लड़ने के गुर सिखाए जाते हैं।<br /><br />कलरि-प्पयट्टु पर एक लेख तैयार करता हूं।बालसुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायणhttps://www.blogger.com/profile/09013592588359905805noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1404778002552917730.post-72413898694358329902009-05-24T00:17:55.530+05:302009-05-24T00:17:55.530+05:30संभव हो तो कुछ जानकारी शस्त्रों के बारे में भी दे...संभव हो तो कुछ जानकारी शस्त्रों के बारे में भी देने का प्रयास कीजिएगा। फिल्मों में देखकर लगता है कि दक्षिण में शस्त्रों पर बहुत काम हुआ होगा। उत्तरी राजा भी शायद दक्षिण की ओर जाने से डरते थे।Astrologer Sidharthhttps://www.blogger.com/profile/04635473785714312107noreply@blogger.com