tag:blogger.com,1999:blog-1404778002552917730.post6888059921715353382..comments2023-06-03T14:30:56.067+05:30Comments on केरल पुराण: 10. मुट्टस्सु नंबूरी -2बालसुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायणhttp://www.blogger.com/profile/09013592588359905805noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-1404778002552917730.post-27440025788388919452009-05-18T01:53:00.000+05:302009-05-18T01:53:00.000+05:30सर आपने आदत बिगाड़ दी। रोज बड़ा पढ़ते हैं आज छोटा ...सर आपने आदत बिगाड़ दी। रोज बड़ा पढ़ते हैं आज छोटा लेख था सो लगा कि कुछ कम रह गया है। लेकिन था रोचक। जारी रखिएगा। <br /><br />आभार।Astrologer Sidharthhttps://www.blogger.com/profile/04635473785714312107noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1404778002552917730.post-52458298493428883752009-05-17T21:01:00.000+05:302009-05-17T21:01:00.000+05:30गिरिजेश जी: इस सुझाव के लिए धन्यवाद। यह परिवर्तन क...गिरिजेश जी: इस सुझाव के लिए धन्यवाद। यह परिवर्तन कर दिया है लेख में। इस तरह के अन्य कोई अटपटे अंश हों, तो बताने की कृपा करें, ताकि उन्हें भी सुधारा जा सके।बालसुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायणhttps://www.blogger.com/profile/09013592588359905805noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1404778002552917730.post-7928631340972351182009-05-17T15:17:00.000+05:302009-05-17T15:17:00.000+05:30वैसे मूत्र शंका की जगह "लघुशंका" शब्द का प्रयोग अध...वैसे मूत्र शंका की जगह "लघुशंका" शब्द का प्रयोग अधिक upayukat hotaaगिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1404778002552917730.post-87419270354201086562009-05-17T13:54:00.000+05:302009-05-17T13:54:00.000+05:30रोचक,
जारी रखें।रोचक,<br />जारी रखें।गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.com